ED ने आबकारी अधिकारी को बताया भ्रष्टाचार का पितामह, शराब के लिए होलोग्राम बनाने का काम

एपी त्रिपाठी, टेलीकॉम सर्विस के अधिकारी थे। डेप्यूटेशन पर वाणिज्यिक कर आबकारी विभाग के विशेष सचिव बनाए गए। इसके अतिरिक्त उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर की। ये एजेंसी प्रदेश में शराब के वितरण और बिक्री का काम संभालती है। त्रिपाठी 12 मई से ED की गिरफ्त में हैं, दिन रात इनसे पूछताछ की जा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय ने अफसर त्रिपाठी को 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले का पितामह बताया है। अदालत में पिछली सुनाई के दौरान जिरह करते हुए ED के वकील सौरभ पांडेय ने विशेष न्यायाधीश अजय सिंह से कहा था कि त्रिपाठी भ्रष्टाचार के पितामह है। पूरा अवैध कारोबार इनकी निगरानी में हुआ।
अधिवक्ता सौरभ पांडे ने बताया था कि एपी त्रिपाठी ने ऐसा सिस्टम बनाया कि विदेशी मदिरा पूरे प्रदेश के लिए तीन लोग खरीदते थे। वो तीन लोग विदेशी शराब कंपनियों को भुगतान करने के बाद कीमतें अपने हिसाब से सेट किया करते थे। इसके बाद कमीशनखोरी का खेल चलता था। बड़ा हिस्सा त्रिपाठी के पास जाने की बात भी ED ने कही है।
ED के अधिवक्ता सौरभ पांडे ने अदालत में पिछली बार ये भी कहा था कि अरुणपति (एपी) त्रिपाठी ने पति धर्म भी निभाया। उन्होंने पत्नी के नाम पर कंपनी खड़ी की। इसी कंपनी ने प्रदेश में खपने वाली शराब का होलोग्राम तैयार किया। इसका भुगतान पत्नी के नाम वाली कंपनी को त्रिपाठी ने करवाया।
केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित तौर पर 2 हजार करोड़ रुपए की आबकारी गड़बड़ी में गिरफ्तार लोगों की प्रॉपर्टी अटैच करनी शुरू कर दी है। इस मामले में ईडी ने अब तक जिले में 21 करोड़ रुपए के प्लॉट अटैच किए हैं, जिनमें से अधिकांश वीआईपी रोड के आसपास तथा नवा रायपुर के हैं।
ईडी का दावा है कि जेवर एक ही डिस्टिलर के यहां से मिले हैं। शराब मामले में जितने लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है, उनमें सब मिलाकर लगभग 53 एकड़ जमीन अटैच कर दी गई है। ईडी ने सीएसएमसीएल के एमडी और विशेष सचिव आबकारी अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, नीतेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू को पकड़ा था। इनमें से ढेबर और पुरोहित जेल में हैं।
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