छत्तीसगढ़ के कांकेर में नदियों में बहता है सोना अनोखी चमत्कार

छत्तीसगढ़ कांकेर में नदी नाले में सोना उगलते है. यहाँ रेत से सैकड़ो परिवार से सोना निकालने की पुरस्तनी काम में लगे है. वही तुमदीनसुर में और साथ ही उसके आस पास रहने वाले लोग रेत छानकर निकालते है. छत्तीसगढ़ के नाले में कुछ वैसे है.

कांकेर में तुमड़ीपुर के नदी नाले से सोना बहता है. सोनझरिया समुदय के देशी जुगाड़ और परम्परिक पद्धति से सोना निकालते है. नदी की रेत से सोना निकालने के काम में जुटे आस पास के रहने वाले कई परिवारों का घर इसी से चालता है.

ये लोग रोजाना सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रहता है. और मिटी छानकर सोना निकालने का काम करते है. रेत या मिट्टी को डोंगीनुमा लकड़ी के बर्तन में धोते है. धुलाई के बाद बचे हुए कण को इकट्ठा करते है कण को पिघलाकर सोने का रूप दिया जाता है.

उसे क़्वारी सोना यानि शुद्ध सोना कहा जाता है सोनझरिया समुदाय के लोग सोना मार्केट में बेच देते है. तोमड़िसूर के पास एक बड़ी बस्ती में सोंझारिया निवास करते है. परिवार का जीवनयापन इसी सोने पर निर्भर करते है. समुदाय के लोगो का कहना है की उनके पूर्वज भी ये काम करना होगा और उनके आने वाले पीढ़ियों को यही काम करना होगा क्युकी उनके जाति को कोई मान्यता नहीं दी.

जिसकी वजह से उन्हें उच्च शिक्षा या नौकरी नहीं मिल पाई है. तोमड़िसूर में कम से कम एक हजार हैक्टयर भूमि में सोने का खदान होना बताया गया है इसके बाद तुमडिसुर में खनिज विभाग में सर्वे भी किया है. हलाकि इसकी मात्रा सटीक आंकलन JI3 सर्वे के बाद ही हो पाएगा. दिन रात महेनत करने के बाद बहुत कम मात्रा में सोना मिलता है. सोने निकालने के काम में जुटे परिवार पवने पवने दम में सोना बेच देते है. जिसके चलते एक समुदाय