नवरात्र पर रतनपुर महामाया में 25,000 ज्योतिकलश होंगे प्रज्जवलित, कई श्रद्धालु लोग आएंगे

कोविड में दो साल के बाद इस साल भी रतनपुर महामाया मंदिर में शारदीय नवरात्र पर्व को पहले की तरह धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया है। जिन आयोजनों और कार्यक्रमों पर पाबंदी लगी थी, वे इस बार सामान्य रूप से आयोजित किए जाएंगे।
बिलासपुर शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से प्रारंभ होगा। रतनपुर मां महामाया मंदिर की मानें तो इस बार 25000 ज्योतिकलश प्रज्जवलित होंगे। कोविड-19 महामारी के बाद परिस्थितियां सामान्य होने के बाद इस साल देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। यही कारण है कि कालरात्रि पर दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के लिए 50 बसों की व्यवस्था की गई है।
जिन आयोजनों और कार्यक्रमों पर पाबंदी लगी थी, वे इस बार सामान्य रूप से आयोजित किए जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि पूर्व की भांति इस बार भी शारदीय नवरात्र में प्रदेश और देश भर से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए मां महामाया मंदिर पहुंचेंगे।
वहीं कालरात्रि पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए देवी के दर्शन के लिए रतनपुर आएंगे। इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के महामाया मंदिर पहुंचने के मद्देनजर सुरक्षा, सुविधा, स्वास्थ्य सेवा को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें प्रशासनिक नियमों के पालन के साथ श्रद्धालुओं के लिए दिए जाने वाली सुविधाओं पर चर्चा की गई।
प्रकाश, पेयजल , प्रवेश द्वार पर बैरिकेट, ध्वनि सिस्टम, साफ सफाई व्यवस्था पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। वही मंदिर समिति द्वारा इस वर्ष 25,000 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाने की योजना है। वही बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष की तरह यहां प्रशासनिक स्टाल भी लगाए जाएंगे, विगत दो वर्षों में यहां सामान्य रूप से नवरात्र का पर्व ना मनाए जाने का असर सभी वर्गों पर पड़ रहा था, जिन्हें आशा है कि इस बार लाखों की संख्या में श्रद्धालु मातारानी के दर्शन कर पाएंगे।
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